लॉकडाउन में लगातार आर्थिक समस्या का बोझ झेल रहे तमिलनाडू के ट्रांसपोटर्स के सामने एक नई समस्या आ गई है। दरअसल तमिलनाडू सरकार ने रोड टैक्स चुकाने के लिए 30 जून की डेडलाइन तय कर दी है।
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लेकिन व्यवसाय के न चलने के कारण उनके पास इसे चुकाने के पैसे तक नहीं हैं। कुछ ट्रक मालिक तो लोगों से कर्ज लेकर इसका भुगतान कर रहे हैं, लेकिन छोटे ट्रांसपोटर्स के लिए ये संभव नहीं कि वो ऐसा कर सकें।
लॉकडाउन में बूकिंग बंद हो जाने से और लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी से इन ट्रांसपोटर्स के सामने गंभीर समस्या आ गई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो तमिलनाडू में लगभग 4.65 लाख ट्रक है, जिसमें से महज 13% ट्रक हीं ऐसे हैं, जिन्हें लगातार बूकिंग मिल पा रही है। बाकी ट्रक या तो रोड पर खड़े हैं या उद्योग बंद रहने के कारण बेकार हो गए हैं।
ऐसे हालात में सरकार ने घोषणा कर दी कि 3,500-5,000 रुपये प्रति तिमाही के राज्य रोड टैक्स का भुगतान 30 जून से पहले किया जाना चाहिए। जो ऐसा नहीं कर पाते उन्हें 100% जुर्माना चुकाना होगा। मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार का ये आदेश किसी भी तरीके से सही नहीं कहा जा सकता है।
लॉरी ऑनर्स एसोसिएशन ने कहा कि बाकी राज्य जैसे कर्नाटक ने रोड टैक्स में दो महीने की छूट दी है, लेकिन तमिलनाडू ने केवल 45 दिनों के लिए इसे बढाया जोकि पर्याप्त नहीं है।
वाहन मालिकों ने पहले हीं बार-बार परिवहन विभाग से कर्नाटक की तर्ज पर छूट देने की अपील की, लेकिन सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई। वाहन मालिक पहले से हीं बीमा और वाहन ऋण की ईएमआई चुकाने में परेशान हैं। इसलिए लॉरी और ट्रक ऑनर्स ने सरकार के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है कि उन्हें रोड टैक्स चुकाने के लिए कुछ और दिनों का वक्त मिले।
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