दिल्ली सरकार ने हाल ही में ऐलान किया था कि वो ऑटोड्राईवर और ई-रिक्शाचालक को सरकार की तरफ से 5,000 रुपये की सहायता देंगे। दिल्ली सरकार ने यह मदद ऑटोड्राईवरों तक पहुंचाई भी लेकिन अब यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया है।
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कोर्ट ने दिल्ली सरकार को बाकी बचे ड्राईवरों को 5,000 की सहायता के लिए 10 दिन का समय दिया है।
कोर्ट ने कहा कि सरकार की तरफ से पहले हीं ज्यादा समय ले लिया गया है, लिहाजा अब ज्यादा वक्त नहीं दिया जा सकता है। अप्रैल में हीं दिल्ली सरकार ने इस सहायता की घोषणा की थी।
दरअसल इस फैसले को लेकर नई सोच सोसाइटी नाम की एनजीओ ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट का यह फैसला आया। याचिका में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा 2 अप्रैल को किए गए उस फैसले का जिक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने महामारी से निपटने के लिए ऑटोरिक्शा, ई-रिक्शा और ग्रामीण सेवा ड्राईवर को 5,000 रुपये की सहायता देने की बात कही थी।
एनजीओ की तरफ से 25 अप्रैल को दायर की गई याचिका में कहा गया है कि ड्राईवर काफी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं और परिवहन विभाग को चाहिए की जल्द से जल्द उनका बकाया भुगतान करें।
विभाग पर चिप आधारित बैज और बिना चिप आधारित बैज वाले ड्राईवरों में भेद करने का भी आरोप लगाया जा रहा है।
हालांकि सरकार की तरफ से सफाई दी गई है कि 11,780 पात्र आवेदकों में से 4,835 व्यक्तियों के बैंक खातों में 5,000 रुपये पहले ही जमा किए जा चुके हैं और शेष लोगों के खाते में 15 दिनों में पैसे जमा कर दिए जाएंगे।