धीरे-धीरे हीं सही पर देश की रफ्तार पटरी पर लौटने लगी है। लेकिन अभी भी देश के कुछ हिस्सों में सरकार द्वारा दिए गए छूट का असर नहीं दिख रहा है। पश्चिम बंगाल अभी तक बांग्लादेश में निर्यात करने से परहेज कर रहा है। ट्रक ड्राईवर अब भी बांग्लादेश के बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। उन्हें डर है कि वापस लौटने पर उन्हें क्वारंटाईन कर दिया जाएगा।
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इस डर के वजह से 5,000 से ज्यादा ट्रक पिछले 70 दिनों से फंसे हुए हैं, जिससे आए दिन करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
इस स्थिति पर फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट्स ऑर्गनाइजेशन के क्षेत्रीय अध्यक्ष (पूर्व) सुशील पटवारी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर बीच-बचाव नहीं कर रही और ट्रांसपोटरों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
1 जून से देश भर में दिए गए छूट के बाद निर्यातकों को उम्मीद थी कि ट्रक ड्राईवरों को क्वारंटाईन के नियमों से दूर रखा जाएगा, जिससे उनके व्यापार में तेजी आएगी। लेकिन राज्य सरकार की उदासीनता के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है।
इस स्थिति को देखते हुए महादिपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने भी सीमा शुल्क विभाग को पत्र लिख कर, व्यापार को फिर से शुरू करने के लिए स्थानीय प्रशासन को निर्देश देने की मांग की है।
राज्य सरकार की बात करें तो केंद्र की अधिसूचना के बाद 11 मई को हीं सीमा पार व्यापार पर निर्यात को फिर से शुरू करने की अनुमति दे गई है, लेकिन लौटने वाले ट्रक ड्राइवरों से कोरोनोवायरस के प्रसार पर स्थानीय लोगों में भय के कारण फिलहाल व्यापार को रोक दिया गया है।
हालांकि सुशील पटवारी ने कहा कि उन्होंने ट्रक ड्राईवरों को सरकार द्वारा सुझाए गए सभी नियमों को मानने की हिदायत दी है, लेकिन बावजूद इसके स्थानीय प्रशासन जोखिम लेना नहीं चाहता है। इसलिए राज्य सरकार से मांग है कि नुकसान को देखते हुए जल्द से जल्द इस मुद्दे को सुलझाया जाए।