देश की आर्थिक व्यवस्था मुश्किल दौर से गुजर रही है, ऐसे में ऑटोमोबाईल सैक्टर भी इससे अछूता नहीं रहा है। खासतौर से इसका सबसे ज्यादा प्रभाव वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री पर पड़ा है, जिसमें भारी गिरावट आई है।
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उपयोगिता में कमी के साथ-साथ मार्च महीने में इसकी बिक्री में भी 89% की कमी आई है। इसके अलावा इसके निर्यात में भी भारी कमी देखने को मिली है। पिछले साल से तुलना करें तो मार्च 2019 में 5,619 यूनिट का निर्यात किया गया था, जबकि इस साल यह संख्या महज 1,787 रह गई है।
टाटा मोटर्स ने माना है कि घरेलू स्तर पर पिछले साल की तुलना में 89% की कमी आई है। पिछले साल मार्च में टाटा ने 50,917 यूनिट बेचे थे, लेकिन इस साल यह आंकड़ा 5,336 में सिमट कर रह गया।
अशोक लैलेंड का भी कमोबेश यही हाल है, उसके अनुसार बिक्री में 90% की कमी आई है। मार्च 2020 में उसने 2,179 यूनिट की बिक्री की है, जो पिछले साल 21,535 यूनिट थी। निर्यात की बात करें तो पिछले साल 1,216 यूनिट की तुलना में इस साल केवल 67 युनिट निर्यात किया गया।
कंपनियों ने इस भारी गिरावट के पीछे कोविड 19 महामारी की बात कही, जिसके कारण पूरा देश लॉकडाउन झेल रहा है। लेकिन ऑटोसैक्टर के लिए यह समय थोड़ा कठिन और भी हो गया कि इसी दौरान उन्हें बीएस 6 मानक भी लागू करना था। कोविड 19 और बीएस 6 मानक ने ऑटोसैक्टर की कमर तोड़ कर रख दी।
एक तो लॉकडाउन के कारण ग्राहकों में कमी आई, और दूसरा बीएस 6 लागू होने के कारण दामों में 15-20% की बढ़ोतरी भी हुई।
महिंद्रा एंड महिंद्रा की बिक्री में 90% की गिरावट देखने को मिली है। पिछले साल मार्च 2019 में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 24,423 यूनिट बेचे थे और इस साल केवल 2,325 वाणिज्यिक वाहन हीं बेच पाई।