

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मार्च के शुरुआत तक भले ही 1.5 करोड़ फास्टैग जारी कर दिए हो, लेकिन अब भी 25% वाहन ऐसे हैं, जिन्होंने फास्टैग नहीं अपनाया है। अब इसके पीछे जागरुकता की कमी हो या फिर एनएचएआई द्वारा सख्ती में कमी, लेकिन जल्द ही एनएचएआई ऐसे वाहनों पर लगाम लगाने की तैयारी में है।
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दरअसल एनएचएआई ने फास्टैग के नियमों में कुछ बदलाव किया है, जिसे जानना बेहद ही जरुरी है। इस बदलाव के तहत अब सौ फीसदी वाहनों में फास्टैग अनिवार्य होगा। पहले इसमें हर प्रकार के सरकारी वाहन को छूट दे दी जाती थी, लेकिन अब किसी भी प्रकार के वाहन को फास्टैग लगाना अनिवार्य होगा।
विभागों ने सभी टोल कर्मचारियों को संबंधित सूचनाएं भेज दी है, जिसमें एनएचएआई सौ फीसदी फास्टैग लागू कराने के पक्ष में सख्त नजर आ रहा है। पहले पुलिस की गाड़ी को इससे बाहर रखा गया था, लेकिन आठ महीने बीत जाने के बाद भी लोग इसे अपनाने में कोताही बरत रहे हैं। इसलिए इस तरह के कदम आवश्यक हो गए थे कि आम लोगों में एक अच्छा उदाहरण पेश किया जाए।
बीते दिनों नेताओं के काफिले को लेकर कई तरह की खबरें आ रही थी कि वो बिना फास्टैग लगवाए आसानी से आवाजाही कर लेते थे, लेकिन अब ये बीते दिनों की बात हो जाएगी। हालांकि जरुरी बात ये है कि सरकारी वाहनों को फास्टैग लगाने के लिए टोल प्लाजा की जगह सीधे एनएचएआई से संपर्क करना पड़ेगा।
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